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डीज़ल तेल, हाइड्रोकार्बन का जटिल मिश्रण होता है. यह एक भूरे रंगका तेल युक्तद्रव है जिसकी गंध बहुत तीक्ष्ण होती है. एमआरपीएल, हमारे देश में, प्रमुख रूप से दो श्रेणी के HSD बेचता है अर्थात BS-III और BS-IV. BS-III और BS-IV के बीच खास अंतर उसमें गंधक का अंश अर्थात्; BS-III 350 ppm और BS-IV 50 ppm होता है.

अनुप्रयोग:
डीज़ल इंजनों का कारों, मोटर साइकिलों, नावों और रेल इंजनों में उपयोग किया जाता है. स्वचालित ईंधन, ट्रेन, बस, ट्रक और स्वचालित वाहन चलाने, निर्माण कार्य चलाने, पेट्रोलियम ड्रिल्लिंग‍का काम करने और सड़कों पर अन्य उपकरण चलाने में काम आता है और विभि‍न्न प्रकार के विद्युत उत्पादन और पंपिंग कार्य में आद्य चालक होता है. डीज़ल इंजन, अधिक संपीड़न, स्वयं ज्वलनशील इंजन होता है. डीज़ल इंजन, अधिक संपीड़न के ताप से प्रज्वलित होता है. HSD का सामान्यतः, वाणिज्यि‍क वाहनों, अचल डीज़ल इंजनों, रेल इंजनों और पंपों आदि में, मध्यम और अधिक गति वाले संपीड़न प्रज्वलन इंजनों (750 rpm से अधिक गति से चलने वाले) में ईंधन की तरह उपयोग किया जाता है.

BS-IV ग्रेड का, भारत के महानगरों और कुछ अन्य शहरों समेत कुछ निर्दिष्ट बाजारों में उपयोग किया जाता है. देश के शेष सभी भागों के लिए BS-III का उपयोग किया जाता है. बाजार की ज़रूर तें पूरी करने के लिए एमआरपीएल, यूरो IV और यूरो III ग्रेड, दोनों का विनिर्माण करता है.

स्वचालित डीज़ल ईंधन के लिए विनिर्देश

(BS IV) (IS 1460 – 2005 2 मार्च 2010 के संशोधन के साथ)

(BS III) (1460 - 2005 2 मार्च 2010 के संशोधन के साथ)

स्वचालित डीज़ल ईंधन के लिए MSDS

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